लाठी तंत्र हॉबी होते जा रहा है बिहार में लोकतंत्र खतरे में
द्रौपदी देवी का पति रामसेवक यादव भूख हड़ताल पर बैठ गए। रामसेवक यादव एवं उनके समर्थकों ने BDO वीरेंद्र कुमार सिंह व अंचलाधिकारी अमर कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप है की डंडे से अनशनकारी व उनके पति को बुरी तरह से पीटा गया।

अनशनकारी द्रौपदी देवी और उनके समर्थकों पर पुलिस की बर्बरता
पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी द्रौपदी देवी को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जबरन उठाने की घटना सामने आई है। अनशन स्थल पर उपस्थित उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने द्रौपदी देवी को बलात उठाकर कहीं ले गए। इस घटना के परिणामस्वरूप, द्रौपदी देवी के पति रामसेवक यादव ने भी भूख हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।
रामसेवक यादव और उनके समर्थकों ने BDO वीरेंद्र कुमार सिंह और अंचलाधिकारी अमर कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने डंडों का प्रयोग करके अनशनकारी और उनके पति को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद, लौकही थाना की पुलिस ने भी उन पर और उनके सहयोगियों पर लाठी-डंडे बरसाए, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
इस घटना के संदर्भ में, समाचार संकलन तक द्रौपदी देवी का कोई भी पता नहीं चल पाया है, जिससे उनके परिवार में चिंता और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार में लाठी का प्रयोग अब एक सामान्य प्रथा बनती जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है।
स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान यह है कि जनता अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक अनशन कर सके, और प्रशासन को इस पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालना चाहिए। प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए जनता की आवाज को सुनना चाहिए। दूसरी ओर, परिवार वालों का कहना है कि विपक्ष और अन्य राजनीतिक दल केवल अपनी वोट बैंक और स्वार्थ की राजनीति में लिप्त हैं। लौकी में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी नेता सामने नहीं आता, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दलों की प्राथमिकता केवल सत्ता में बने रहना है। इस प्रकार, अराजकता का माहौल बढ़ता जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए अत्यंत चिंताजनक है।