हाल के समय में हिंदू समुदाय पर हो रहे लक्षित हमलों ने चिंता का विषय बना दिया है। चाहे वह बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार हों, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा, या जम्मू-कश्मीर की बेसरन घाटी में हालिया आतंकी हमला—इन घटनाओं ने हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। बेसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए इस हमले में कम से कम 28 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला पिछले एक दशक में नागरिकों पर सबसे घातक माना जा रहा है।
📍 हमला कैसे हुआ?
दोपहर लगभग 2:50 बजे, चार से छह आतंकवादी सैन्य वर्दी में बेसरन घाटी में घुसे और पर्यटकों की भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ितों से नाम पूछे और उन्हें कलमा पढ़ने को कहा। मुस्लिम पहचान की पुष्टि के बाद कुछ लोगों को छोड़ दिया गया, जबकि अन्य को निशाना बनाया गया। एक महिला को जानबूझकर छोड़ा गया ताकि वह "इस भयावहता की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा सके"।
🕯️ पीड़ित कौन थे?
मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय निवासी और दो विदेशी नागरिक (नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात से) शामिल थे। पीड़ितों में कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोग थे। एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी भी इस हमले में मारे गए।
🕵️ किसने ली ज़िम्मेदारी?
इस हमले की जिम्मेदारी "कश्मीर रेजिस्टेंस" नामक एक अज्ञात आतंकी समूह ने ली है। उन्होंने दावा किया कि यह हमला उन लोगों के खिलाफ था जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े थे और कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का समर्थन कर रहे थे।
🛡️ सरकार की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़कर आपात बैठकें बुलाईं। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और अन्य देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान ने भी हमले की निंदा की, लेकिन भारतीय मीडिया में इस पर संदेह जताया गया है।
🧳 पर्यटन पर असर
यह हमला कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है। हमले के बाद पर्यटकों में दहशत फैल गई, और बड़ी संख्या में लोग क्षेत्र छोड़ने लगे। एयरलाइनों ने अतिरिक्त उड़ानें चलाईं और टिकट की कीमतों को नियंत्रित किया।
🟠 भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटे और हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया।
-
गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।
🔵 कांग्रेस
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हमले को "राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला" बताया और केंद्र सरकार की नीतियों की विफलता पर सवाल उठाए।
- राहुल गांधी ने हमले को "भयावह" करार दिया और कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में चिंताजनक सुरक्षा स्थिति को दर्शाता है।
- प्रियंका गांधी ने इसे "मानवता के खिलाफ अपराध" बताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
🟣 नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP)
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने हमले को "नागरिकों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला" बताया और इसकी कड़ी निंदा की।
- PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हमले की निंदा की और कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
🟢 अन्य राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि आतंकियों ने गोली चलाने से पहले धर्म पूछा, जो अत्यंत निंदनीय है।
-
कई विपक्षी दलों ने हमले के विरोध में बंद का आह्वान किया और जम्मू में प्रदर्शन किए।
🔚 निष्कर्ष
यह हमला न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है। सभी राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर इसकी निंदा की है और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।यह हमला दर्शाता है कि कश्मीर में स्थिति अभी भी संवेदनशील है। हालांकि हाल के वर्षों में हिंसा में कमी आई थी, लेकिन यह घटना बताती है कि आतंकवाद का खतरा अभी भी बना हुआ है। सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने और स्थानीय लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।