मधुबनी जिले के जयनगर की बेटी चांदनी कुमारी ने बिहार बॉलीबाल बालिका टीम में सेटर (Setter) के रूप में अपनी जगह पक्की कर क्षेत्र का मान बढ़ाया है।
➡️ 2021 में पहली बार चयनित हुईं चांदनी ने इसके बाद दो बार नेशनल और स्टेट लेवल पर खेलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 5.6 फीट लंबी चांदनी की फिटनेस और खेल की बारीक समझ ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। इस बार भी उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से प्रशिक्षण शिविर में जगह बना ली।
💪 सपने पूरे करने के लिए संघर्ष की राह पर चलीं चांदनी
मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली चांदनी का सफर आसान नहीं था।
➡️ पिता बबलू पंजीयार एक व्यवसायी हैं, जबकि माता सविता देवी एनजीओ में कार्यरत थीं। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति के बावजूद, उन्होंने बेटी को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
➡️ दो बहनों और एक भाई के बीच चांदनी सबसे छोटी हैं, लेकिन उनकी संकल्प शक्ति और मेहनत ने पूरे परिवार को गर्व से भर दिया।
💐 क्षेत्र में खुशी की लहर, बधाइयों का तांता
चांदनी की इस शानदार उपलब्धि से जयनगर और आसपास के इलाकों में खुशी का माहौल है।
➡️ बधाई देने वालों में:
- गौरीशंकर छपरिया, कामिनी साह, मुन्नी देवी, सुनीता, सरिता, सबिता, गौरव, माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के कोर्डिनेटर अमित कुमार राउत, संरक्षक डॉ. सुनील कुमार राउत, प्रवीर महासेठ, उपेन्द्र नायक, परमानंद ठाकुर, गणेश काँस्यकार, अध्यक्ष सचिन सिंह, उपाध्यक्ष विकास चंद्रा, लक्मण यादव, पप्पू पुर्वे, संतोष शर्मा, विवेक सूरी, सुमित पंजीयार, नवीन साह, निरंजन यादव और सुमित कुमार राउत समेत कई लोगों ने बधाई दी।
⚠️ सावधान: सफलता की राह में समाज और परिवार की जिम्मेदारी बढ़ती है
➡️ बेटियों की सफलता जितनी खुशी लाती है, उतनी ही जिम्मेदारी भी बढ़ा देती है।
सामाजिक परिवेश में बेटियों को गुमराह करने वाले तत्व हमेशा मौजूद रहते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जब बेटियां सपनों की उड़ान भरने लगती हैं, तो कुछ गलत संगति या प्रभाव उन्हें भटकाने की कोशिश करते हैं।
➡️ बचाव और सतर्कता के लिए जरूरी कदम:
✅ संस्कार और नैतिक शिक्षा: बेटियों को अच्छे-बुरे का भेद समझाना और सही-गलत का निर्णय लेना सिखाना चाहिए।
✅ सामाजिक सुरक्षा: सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दूरी बनाकर आत्मरक्षा के गुर सिखाना आवश्यक है।
✅ माता-पिता का संवाद: माता-पिता को बेटियों से खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि वे किसी भी समस्या को साझा कर सकें।
✅ आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास: आत्मनिर्भर बेटियां ही समाज को आगे बढ़ाती हैं, लेकिन सावधानी और सतर्कता के साथ आगे बढ़ना जरूरी है।
🎯 सपनों की उड़ान में विवेक और आत्मनिर्भरता जरूरी
➡️ चांदनी कुमारी की सफलता इस बात का प्रमाण है कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। लेकिन,
✅ बेटियों को सही मार्गदर्शन देना अनिवार्य है।
✅ आधुनिक समाज में आत्मरक्षा और आत्मनिर्भरता का ज्ञान जरूरी है।
✅ सपनों को साकार करने की राह में समाज और परिवार को सतर्क रहना होगा।
🕊️ सपने देखने की आजादी, मगर राह में सतर्कता अनिवार्य
➡️ चांदनी कुमारी की सफलता उन तमाम बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो संघर्ष कर अपने सपनों को पंख दे रही हैं।
लेकिन "हर ऊंचाई पर पहुंचने वाली बेटी को सही दिशा और मार्गदर्शन देना समाज और परिवार की साझा जिम्मेदारी है।"
📢 समाज और परिवार के लिए संदेश:
✅ "बेटियां ऊंचाइयों तक पहुंचे, लेकिन उनकी सुरक्षा और नैतिक मूल्यों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"
✅ "बेटियों को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचने के साथ-साथ उनके फैसलों में समझदारी और सतर्कता का भाव भी विकसित करना चाहिए।"
🏅 #बिटिया_का_गौरव #सपनों_की_उड़ान #सतर्कता_जरूरी #बेटी_बचाओ_बेटी_पढ़ाओ
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