बेनीपट्टी (मधुबनी), 23 मई:
बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के अंतर्गत त्योंथ पंचायत के चहुटा गाँव में गुरुवार सुबह एक चमत्कारी और आस्था से जुड़ी घटना सामने आई है। गाँव की सीमा से सटे पछवारी चौरी स्थित एक निजी तालाब में, जहाँ पर मछली पालन का कार्य किया जा रहा था, वहीं सुबह के समय मछुआरों ने पानी के भीतर कुछ असामान्य देखा।
करीब जाकर देखने पर यह स्पष्ट हुआ कि वह कोई साधारण वस्तु नहीं, बल्कि एक धार्मिक प्रतिमा है। देखते ही देखते मछुआरे चौंक गए और इस सूचना को गाँव के पूर्व मुखिया पति जागेश्वर यादव तक पहुँचाया। फिर तो खबर पूरे गाँव में फैल गई और सैकड़ों ग्रामीण प्रतिमा के दर्शन को पहुँचने लगे।
गाँव के लोगों ने मिलकर उस प्रतिमा को लाल वस्त्र से ढक कर तालाब से सम्मानपूर्वक बाहर निकाला। तत्पश्चात चहुटा गाँववासियों ने मिथिलांचल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा कल्याणेश्वर स्थान (कलना मंदिर) के पुजारी को बुलाया। वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा के साथ प्रतिमा की पहचान की गई, जो कि माँ काली की प्रतिमा निकली।
घटना के बाद क्षेत्र में गहरी धार्मिक आस्था और भक्ति का माहौल बन गया है। दूर-दूर से लोग इस चमत्कारी घटना के साक्षी बनने के लिए चहुटा गाँव आ रहे हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि यह माँ काली की कृपा है और जल्द ही यहाँ एक भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि आने वाले दिनों में गाँव स्तर पर एक आमसभा की जाएगी, जिसमें प्रतिमा की स्थापना और मंदिर निर्माण को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
यह घटना न सिर्फ चहुटा गाँव बल्कि पूरे मिथिलांचल में चर्चा का विषय बन गई है और लोग इसे दिव्य संकेत के रूप में देख रहे हैं।