होली महोत्सव: 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
जयनगर, 14 मार्च 2025: 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (SSB) जयनगर के प्रांगण में आज होली का पर्व पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर कार्यवाहक कमांडेंट श्री हरेंद्र सिंह और उप कमांडेंट श्री संतोष कुमार निमोरिया ने जवानों के साथ मिलकर रंगों के इस त्यौहार को भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया।
कार्यक्रम की भव्य शुरुआत
होली महोत्सव की शुरुआत द्वितीय कमान अधिकारी श्री हरेंद्र सिंह और उप कमांडेंट श्री संतोष कुमार निमोरिया द्वारा जवानों को गुलाल लगाकर की गई। इसके बाद वाहिनी के सभी जवानों ने एक-दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर पर्व का आनंद लिया।
इस अवसर पर जवानों के बीच पारंपरिक लोकगीतों और ढोल-नगाड़ों की धुनों पर रंगों की बौछार के साथ जमकर उल्लास मनाया गया। सभी जवानों ने होली के पारंपरिक गीत गाए और नृत्य किया, जिससे माहौल पूरी तरह से रंगीन और उमंगपूर्ण हो गया।
सीमांत चौकियों पर भी होली की धूम
48वीं वाहिनी के मुख्यालय के साथ-साथ विभिन्न सीमांत चौकियों पर भी होली का पर्व पूरी भव्यता के साथ मनाया गया। वहां तैनात जवानों ने एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर इस त्यौहार की खुशियां साझा कीं।
इस दौरान सभी जवानों के चेहरे पर आनंद और उत्साह की झलक देखने को मिली। यह पर्व उनके लिए न केवल उल्लास का अवसर था, बल्कि आपसी सहयोग और भाईचारे को मजबूत करने का भी एक जरिया बना।
कमांडेंट का संदेश और शुभकामनाएं
कार्यक्रम के समापन के दौरान कार्यवाहक कमांडेंट श्री हरेंद्र सिंह ने सभी जवानों और उनके परिवारों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि "होली प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। यह पर्व हमें समाज में एकता और सहयोग की भावना को बनाए रखने की सीख देता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस उत्सव को खुशी और सम्मान के साथ मनाएं।"
इसके साथ ही उन्होंने जवानों की समर्पण भावना और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की और कहा कि सशस्त्र सीमा बल के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में दिन-रात तत्पर रहते हैं, ऐसे में उनके बीच इस तरह के आयोजन उन्हें मानसिक रूप से भी ऊर्जावान बनाए रखते हैं।
भोजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
होली महोत्सव के दौरान जवानों के लिए विशेष भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक व्यंजन जैसे गुजिया, मालपुआ, दही-भल्ला, पूड़ी-सब्जी और ठंडाई परोसी गई। जवानों ने एक साथ भोजन कर त्योहार का आनंद उठाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोकगीत गायन, समूह नृत्य और होली के पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति दी गई, जिससे माहौल पूरी तरह से आनंदमय बन गया।
होली का संदेश: एकता और भाईचारे की भावना
48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के इस आयोजन ने यह दर्शाया कि होली सिर्फ एक रंगों का पर्व नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे, प्रेम और सौहार्द का प्रतीक भी है। इस अवसर पर सभी जवानों ने यह संकल्प लिया कि वे अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पित रहेंगे और देश की सुरक्षा में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करेंगे।
समाप्त
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