बासोपट्टी (मधुबनी): बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ (CFTUI) की बासोपट्टी इकाई ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रखंड कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस धरना में सैकड़ों सेविकाओं और सहायिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सरकार से अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की।
✊ मुख्य मांगें:
प्रदर्शन के दौरान संघ की मुख्य मांगें इस प्रकार रहीं:
- FRS के आदेश को निरस्त करने की मांग: सेविकाओं ने FRS प्रक्रिया को असफल करार देते हुए इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की। उन्होंने बताया कि नेटवर्क की समस्या के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों का पंजीकरण संभव नहीं हो पा रहा है।
- 5G मोबाइल और रिचार्ज भत्ता: पोषण ट्रेकर पर सुचारू रूप से काम करने के लिए सेविकाओं ने 5G स्मार्टफोन और ₹5000 सालाना रिचार्ज भत्ता दिए जाने की मांग की, ताकि वे बिना किसी बाधा के कार्य कर सकें।
- सरकारीकरण की मांग: सेविकाओं ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उनका कहना है कि वे ग्रामीण स्तर पर सरकार की सभी योजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं, इसलिए उनका सरकारीकरण होना जरूरी है।
- ग्रेच्युटी लागू करने की मांग: सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए ग्रेच्युटी की सुविधा लागू करने की मांग की गई।
- पोषाहार राशि में वृद्धि: सेविकाओं ने पोषाहार राशि में वृद्धि और बाजार दर के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राशि से गुणवत्तापूर्ण पोषाहार देना संभव नहीं हो पा रहा है।
🎙️ संघ की अध्यक्ष सुशीला देवी ने रखी मजबूत बात
धरना को संबोधित करते हुए संघ की अध्यक्ष सुशीला देवी ने कहा कि FRS प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी तरह असफल हो रही है। नेटवर्क की समस्या और तकनीकी ज्ञान के अभाव में सेविकाएं इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से नहीं चला पा रही हैं। उन्होंने कहा कि सेविकाओं की शैक्षणिक योग्यता तकनीकी कार्य के अनुरूप नहीं है, जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
सुशीला देवी ने कहा:
“हम सेविकाएं गांव-गांव जाकर सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचा रही हैं, लेकिन हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।”
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📚 5G मोबाइल और प्रोत्साहन राशि की मांग
संघ ने मांग की कि ट्रेकर पर सुचारू रूप से काम करने के लिए सेविकाओं को 5G स्मार्टफोन और ₹5000 सालाना रिचार्ज भत्ता दिया जाए। इसके अलावा, ₹10,000 सालाना प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की गई, ताकि सेविकाओं को अपने काम में और अधिक प्रोत्साहन मिल सके।
📢 पोषाहार राशि में वृद्धि की मांग
प्रदर्शनकारी सेविकाओं ने पोषाहार राशि में वृद्धि और बाजार दर के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मिलने वाली राशि अपर्याप्त है, जिससे बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना संभव नहीं हो पा रहा है।
🤝 संघ के पदाधिकारी रहे मौजूद
धरना प्रदर्शन में संघ की अध्यक्ष सुशीला देवी, सचिव कार्यकारी मंजू कुमारी, कोषाध्यक्ष सुशीला देवी, रुणा कुमारी, रूबी कुमारी, ललिता कुमारी, अलका कुमारी, सोनम कुमारी, रूपम झा और सुनैना कुमारी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहीं।
संघ ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होंगे।
📣 जनता की मांग और सरकार की जिम्मेदारी
आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की मांगें ना सिर्फ सेविकाओं के हक की लड़ाई हैं, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण दूर करने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अब देखना यह होगा कि सरकार इन मांगों पर क्या रुख अपनाती है और कब तक सेविकाओं को उनका हक मिलता है।